21वीं सदी के आते ही इतिहास ने अपने आपको दोहराना शुरू कर दिया है। अब भले ही  संदर्भ दूसरे हो यरवदा या सर आगा खां के महल से चीजें तिहाड़ जेल पहुंच गई गई हैं।

अब तिहाड़ जेल भी कोई जेल है, इसे आश्रम कहना ज्यादा सही होगा । इसकी स्थापना भी 1957 में हुई थी , आजादी की लड़ाई के  100 साल बाद । इस आश्रम में 12000  जेलयात्री रह सकते हैं। कहने को तो यह जेल एशिया की सबसे बड़ी जेल है । यहां का बना हुआ सामान  टीजे ब्रांड कहलाता है।  जेल 24 घंटे खुली रहती है इसमें जो लोग प्रवास पर रहते हैं वे अपराधी नहीं  जेल यात्री   होते हैं ।  जब से जेल का नाम जेल लेना कानूनन जुर्म हो गया है और  अब यह संशोधनागार कहलाती है।

जबसे ऑस्कर  अवार्ड में नाटो नाटो अर्थात नाचू नाचू यानी कि  फिल्म आर आर आर है इसका नाम  ,तिहाड़ जेल पर सटीक बैठता है ।पहला  आर माने रिफॉर्मेशन ,दूसरा आर  रिहाबिलेटशन और तीसरा  आर रायंटिग्रेशन अर्थात हर जेल यात्री के लिए नाचू नाचू ।]

अन्ना आंदोलन के साथ इस  जेल का गहरा संबंध है। अन्ना आज कहां हैं? उनके सारे  शिष्यों का तो नहीं पता । अन्ना आंदोलन से जुड़ीं  किरण बेदी यहां की जेलर रहीं फिर  भाजपा में गईं , पांडिचेरी की लेफ्टिनेंट गवर्नर बनीं।  वहीं दूसरे सदस्य मनीष सिसोदिया   इस समय जेल यात्रा पर हैं। कभी इन्हीं  किरण बेदी ने इस जेल को ,जेल से आश्रम में बदल दिया था ।हालांकि वे यहां भी 2 साल से ज्यादा नहीं टिकह पाईं। किरण बेदी से पहले के जेल अधिकारी  समझते थे कि उनका काम खाली कैदियों को सुरक्षित रखना है। बेदी मैम ने यहां पंचायत व्यवस्था शुरू की और नशे को रोका।  यही नहीं उन्होंने जेल यात्रियों को सुधरने का मौका दिया। अब जेल चलाने वाली सरकार के मंत्री आज कल जेल यात्रा पर हैं तो उन्हें हाउस अरेस्ट ही कहना पड़ेगा  । जिनको गांधी के पुणे की आगा खान जेल को विलास यात्रा लगती थी अब यह भी इस बात को भूल ही जाए तो अच्छा है। उड़ती उड़ती खबर तो यह भी है चार्ल्स शोभराज जेल से बरी हो गया। अब किस देश में रहेगा यह तो वही तय करें । लेकिन वह भारतीय जेलों को भूल नहीं पाएगा  हम उसको ।इसके साथ ही साथ सहारा इंडिया मालिक  की एक जेल यात्रा ने सहारा के निवेशकों को बेसहारा कर दिया। बहुत मन है,  मन ललचाता भी  है कि एक बार इस आश्रम की सेवा जरूर ली जाए।

आमीन-

jitendra jitanshu

editor sadinama

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MANISH SISODIA
TIHAR JAIL