Author: jeetendra jitanshu

और अब प्रेमचंद के साहित्य में राष्ट्रीयता बनाम सांप्रदायिकता की तुलना

कुछ साल पहले सदीनामा प्रकाशन से एक पुस्तक प्रकाशित हुई थी इसका नाम था “दिनकर और राष्ट्रीयता के नए आयाम ” जिसका संपादन किया था मैने और संयोजन किया था…